“अलेक्जेंडर वांग” (Alexandr Wang) Forbes के अनुसार दुनिया के सबसे कम उम्र के अरबपति हैं. अमेरिका की बहुत बड़ी कंपनियां इनकी क्लाइंट हैं और ये अगले एलन मस्क – जेफ बेजोस बनने के रास्ते पर हैं.
ये सिर्फ़ 25 साल की उम्र में सेल्फ-मेड अरबपति हैं. जी हां, फोर्ब्स मैग्जीन ने हाल ही में अमेरिका के अलेक्जेंडर वांग को विश्व का सबसे युवा सेल्फ-मेड अरबपति घोषित किया है.
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अलेक्जेंडर वांग कैसे बने अरबपति | How did Alexandr Wang became Billionaire in Hindi?
इनकी दिलचस्पी गणित में थी. इन्होंने कोडिंग सीखी और गर्मी की छुट्टियों में एक कंपनी बनाई. देखते ही देखते सिर्फ़ 6 साल में इनकी कंपनी का मूल्य 56 हजार करोड़ रुपए हो गया.
अलेक्जेंडर वांग ने 6 साल पहले कंपनी शुरू की थी, जिसमें ये ए.आई. (AI – Artificial Intelligence) के जरिए सेना की मदद करते हैं.
अभी तक ये 847 करोड़ रुपए के तीन कॉन्ट्रैक्ट पूरा कर चुके हैं. बीच बीच में ये USA की एयर फोर्स और आर्मी की Artificial Intelligence के जरिए मदद भी करते हैं. पिछले साल 2500 करोड़ रुपए की फंडिंग मिलने के बाद कंपनी ने 770 करोड़ रु. का revenue हासिल किया.
अब इनकी कंपनी का मूल्य बढ़कर 56,210 करोड़ रुपए हो चुका है. इसमें वांग की हिस्सेदारी 15% की है, जो तकरीबन 7700 करोड़ रुपए के बराबर है.
अलेक्जेंडर वांग की उम्र 25 साल है और ये एशियाई मूल के हैं. इतनी कम उम्र में इनके अरबपति बनने की कहानी भी सुनने लायक है. इन्हें गणित में रुचि थी, इसलिए छठी कक्षा से ही ये National maths और coding स्पर्धा में शामिल होते रहे, ये ऐसा करते थे ताकि उन्हें “डिज्नी वर्ल्ड” का मुफ़्त टिकट मिल सके. स्पर्धा तो जीत नहीं सके, लेकिन कोडिंग को लेकर उनमें दिलचस्पी जग गई. केवल 17 साल की उम्र में सवालों के जवाब देने वाली वेबसाइट क्वोरा (Quora) के लिए ये फुल टाइम coding करने लगे.
इसी बीच, इन्होंने machine learning सीखने के लिए MIT (मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट फॉर टेक्नोलॉजी) में दाखिला लिया. लेकिन एक साल पढ़ाई के बाद गर्मी की छुट्टी में “हो लुसी ग्युओ” के साथ मिलकर इन्होंने ‘स्कैल एआई’ कंपनी शुरू कर दी. Forbes के मुताबिक दोनों की मुलाकात क्योरा में हुई थी. MIT की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर कंपनी शुरू करने का इनका फैसला इनके लिए आसान नहीं था.
इनके माता-पिता पढ़ाई छुड़ाने के लिए राजी नहीं थे. वांग ने उन्हें समझाया कि ये हर बार गर्मियों में जो काम करता रहा हैं, वहीं करेंगे और कॉलेज शुरू होते ही ये छोड़ देंगे. पर ऐसा नहीं हुआ. वांग की कंपनी को फंडिंग मिल गई और वे कभी कॉलेज नहीं लौटे.
अब वांग की शुरुआती सफ़लता देखकर इनके माता-पिता ने उन्हें प्रोत्साहित किया. विज्ञान और गणित में दिलचस्पी वांग को बचपन से ही थी. उनके भौतिकशास्त्री (physicist) माता पिता अमेरिका की National lab में सेना के लिए हथियार बनाने के प्रोजेक्ट पर काम करते थे. ये वही लैब है जहां अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के लिए पहला परमाणु बम बनाया था. वांग भी अब AI की बदौलत सेना की मदद कर रहे हैं. उनकी कंपनी इंसानी क्षमता के मुकाबले अधिक तेजी से satellite image का विश्लेषण करती है.
रूस और यूक्रेन के युद्ध में उनकी कंपनी ने युक्क्रेन को विश्लेषण करके बताया कि रूस के हमलों में यूक्रेन को कितना नुकसान हुआ है.
Fortune के अनुसार, Alexandr Wang की कंपनी अमेरिकी एयरफोर्स, आर्मी, जनरल मोटर्स समेत 300 से अधिक कंपनियों को उनका डेटा विश्लेषण करके देती है.
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