डिप्रेशन (Depression) को हिंदी में अवसाद कहा जाता है. यह एक ऐसी स्थिति है जब दुःख, तकलीफ, हताशा लंबे समय तक हमारा साथ ना छोड़े. पूरी दुनिया में करीब 5 फ़ीसदी से ज्यादा लोग डिप्रेशन के शिकार हैं, यहां तक की डिप्रेशन दुनिया में सर्वाधिक मौतें होने के कारणों में से एक है.
डिप्रेशन दरअसल अनुवांशिक जेनेटिक कोडिंग, दिमाग की रासायनिक प्रक्रिया और बाहरी माहौल के जटिल तालमेल से उत्पन्न होने वाली एक समस्या है.
अवसाद की स्थिति काम के थकान, किसी रिश्ते में तनाव या चिड़चिड़ेपन से कहीं आगे है. अवसाद की खतरनाक बात यह है की इससे ग्रस्त व्यक्ति अकेला रहता है और उसे आत्महत्या के ख्याल आते हैं.
यह किसी भी व्यक्ति को किसी भी उम्र में हो सकती है लेकिन यह ज्यादातर किशोरावस्था में या 30 की उम्र के बाद ज्यादा पाया जाता है. यह देखा गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में डिप्रेशन अधिक होता है.
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डिप्रेशन की वजह | Causes of Depression in hindi –
आइए जानते हैं किन वजहों से अवसाद होता है :
- किसी सगे संबंधी की मौत नौकरी चला जाना, व्यापार में नुकसान होना, परीक्षा में फेल हो जाना, बार-बार असफल होना.
- लंबे समय तक चलने वाली कोई बीमारी (Chronic disease) या समस्या.
- क्रॉनिक बीमारियां जैसे कि डायबिटीज किडनी और लीवर की समस्या से ग्रस्त होने पर भी लोगों मैं अवसाद की आशंका बढ़ जाती है. इसके अलावा मोटापा भी एक कारण होता है.
- महिलाओं को डिलीवरी के बाद “पोस्टपार्टम डिप्रैशन” (Postpartum depression) होने की संभावना रहती है.
- दुर्घटना आदि होने पर भी लोग अवसाद के शिकार हो जाते हैं.
- किसी करीब इंसान से रिश्ते में दरार आना या रिश्ता टूट जाना.
- शराब के आदि लोग भी डिप्रेशन में चले जाते हैं.
- कुछ प्रकार की दवाइयां जैसे कि स्टेरॉयड इंटरफेरॉन (हेपेटाइटिस ‘बी’ और ‘सी’ में दी जाने वाली दवा) के इस्तेमाल से लोगों में अवसाद होने की संभावना बढ़ जाती है.
- बाइपोलर डिसऑर्डर, साइकोसिस और ओ.सी.डी (OCD – Obsessive compulsive disorder) जैसी मानसिक बीमारियों वाले लोगों में भी अवसाद पाया जाता है.
- माता पिता को अवसाद की समस्या होने पर आनुवांशिक (Genetic) तौर पर भी संतानों में यह हो सकती है.
यदि कोई व्यक्ति ज्यादा समय तक अवसाद में रहे लेकिन इसका पता ना चले और उसे उचित इलाज न मिले तो धीरे-धीरे उसके शरीर पर असर पड़ने लगता है. ऐसे इंसान की ना केवल सामाजिक ज़िन्दगी (Social life) खत्म होने लगती है बल्कि उसकी निजी जिंदगी (Personal life) भी. साथ ही उसके व्यावसाय, या काम या पेशे (Profession) पर भी असर पड़ता है.
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं – अवसाद ग्रस्त व्यक्ति को दिल की बीमारियां होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है. दिल का दौरा बढ़ने की भी आशंकाएं बढ़ जाती हैं.
अतः हम देख सकते हैं कि यह कितनी खतरनाक समस्या है.
डिप्रेशन के लक्षण | Symptoms of Depression in hindi :-
मूड स्विंग होना, किसी बात का बुरा लगना और दुःख होना. इनका होना स्वाभाविक है.
लेकिन निम्नलिखित लक्षणों में से कोई एक या एक से ज्यादा लक्षण का दो हफ्तों तक होना डिप्रेशन का लक्षण हो सकता है :-
- ठीक से नींद नहीं आना या सुबह-सुबह नींद खुल जाना.
- नींद के समय और अवधि में बदलाव आना.
- भूख घटना या बढ़ना.
- वजन का तेज़ी से कम होना या बढ़ना.
- ऊर्जा की कमी होना जल्दी थक जाना और थकावट का लगातार महसूस होना.
- आत्महत्या के ख्याल का बार-बार आना.
- अपनी भावनाओं पर काबू ना होना.
- बिना वजह के परेशान, दुखी, निराश या हताश रहना.
- अकेले रहने की चाह होना.
- मेल-मिलाप नहीं बढ़ाना
- संबंधों का खराब होना.
- अपराध बोध और लाचारी महसूस करना.
- खुद को असफल मानना.
- मनोरंजन खेल कूद और अच्छे कपड़ों में दिलचस्पी ना दिखाना.
- पहले खुशी प्रदान करने वाली चीजों में अब दिलचस्पी न दिखाना (जिनमें सेक्स भी शामिल है).
- खुद का इलाज कराने से भी कई बार इनकार करना.
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