Black Fungus in Hindi | ब्लैक फंगस क्या है ?

ब्लैक फंगस (Black Fungus) को मेडिकल भाषा में म्यूकॉरमायकोसिस (Mucormycosis) कहते हैं. इसे पहले zygomycosis कहा जाता था. यह एक दुर्लभ और खतरनाक फंगल संक्रमण है.

यह एक तरह का फंगल इंफेक्शन है जो Mucormycetes समूह के कवक (fungi) से होता है, जो कि कुदरती वातावरण में बहुतायत में मिलता है, खासकर मिट्टी में. ब्लैक फंगस इंफेक्शन मुखयतः वातावरण में तैर रहे कवक बीजाणु (fungal spore) के सांसों के द्वारा अंदर जाने से होता है . यह मिट्टी में मौजूद म्यूकॉर्मिसेट्स (mucormycetes) नामक सूक्ष्मजीवों की चपेट में आने से होता है, अर्थात जब हमारी त्वचा मिट्टी में मौजूद इन सूक्ष्मजीवों के संपर्क में आती है.

यह तब भी त्वचा के अंदर जा सकती है अगर हमारी त्वचा कटी हुई, जली हुई हो या हमें कोई त्वचा आघात (skin trauma) हो.


ब्लैक फंगस के लक्षण | Symptoms of Black Fungus in Hindi.

इस संक्रमण के निश्चित लक्षण ना होकर यह इस बात पर निर्भर करते हैं कि संक्रमण शरीर के किस भाग पर बढ़ रहा है. बहुत मरीजों की अगर बात की जाए तो कई लोगों के लक्षण एक दूसरे से भिन्न हो सकते हैं. यह बात इसे और ज़्यादा भयावह बनाती है. हम आपको इसके कुछ प्रमुख लक्षणों के बारे में बताते हैं, जैसे कि :

1) खांसी होना या सांस फूलना
2) बुखार
3) उल्टी आना
4) सिरदर्द
5) चेहरे के एक तरफ़ पर दर्द होना, सूजन या सुन्न होना, या चहरे पर काले धब्बे होना.
6) आंखें – आंख की रोशनी कमजोर होना, आंखों में लालपन या दर्द, आंख फूल जाए, एक चीज दो दिखना या दिखना ही बंद हो जाना.
7) शरीर में कुछ जगह पर लाल होना, छाले या सूजन आना.
8) नाक से भूरे या काले रंग का डिस्चार्ज आना.
9) सांस लेने में तकलीफ, जी मिचलाना, पेट दर्द.
10) सीने में दर्द होना, उल्टी में या खांसने पर बलगम में खून का आना.
11) मुंह के अंदर या नाक पर काले निशान.
12) छाती में दर्द.
13) पेट में दर्द.
14) डायरिया.
15) साइनस कंजेशन (Nasal congestion).
16) मल में खून आना.


ब्लैक फंगस कितना जानलेवा है ? | ब्लैक फंगस के खतरे, जोखिम | Dangers of Black Fungus | How dangerous is Black Fungus in Hindi ?

विशेषज्ञों और डॉक्टरों का यह कहना है कि यदि ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज के इलाज में ज्यादा देर हो जाए तो उसकी जान भी जा सकती है. इसका संक्रमण साइनस से होता हुआ हमारी आंखों को अपनी चपेट में लेता है और फिर बाकी शरीर में फैलने लगता है. इसके संक्रमण से या इसके इलाज में आंखों की रोशनी जाने का खतरा रहता है, क्योंकि इसके संक्रमण को और रोकने हेतु आंख या जबड़े का एक तरफ का ऊपरी हिस्सा निकालना पड़ता है.

इसके अलावा :

1) देर से इलाज मिलने पर जान का खतरा.
2) आंखों की रोशनी चला जाना.
3) नसों की क्षति.
4) तंत्रिका प्रणाली (Nervous System)में गड़बड़ होना.


ब्लैक फंगस किनके लिए ज्यादा खतरनाक है ? | Who is at more risk from Black Fungus ?

कोरोना वायरस की तरह हीबब्लॉक संघर्ष्लैक फंगस  कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए ही ज्यादा खतरनाक है. जैसा कि हमने ऊपर बताया कि यह वातावरण और मिट्टी में बड़ी मात्रा में होता है, इसके अलावा यह नमी वाली जगह, गीली लकड़ी और सीलन भरे कमरों आदि में पाया जाता है. स्वस्थ लोगों को यह फंगस कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है लेकिन जिन लोगों की इम्यूनिटी कमजोर है, उन्हें इस फंगस से इंफेक्शन का खतरा है. चूंकि यह हवा और मिट्टी में भारी मात्रा में मौजूद होता है, तो जाहिर सी बात है कि बिना पता चले ही हम इसके संपर्क में हमेशा आते रहते हैं , पर यह जल्दी नुकसान नहीं पहुंचा पाता क्योंकि हमारी इम्यूनिटी आसानी से म्यूकॉरमायकोसिस (Mucormycosis) का मुकाबला कर सकती है. परंतु उन लोगों को इस फंगल संक्रमण से ज्यादा खतरा है जिनकी इम्यूनिटी किसी गंभीर बीमारी या और किसी वजह से कम हो गई है, जैसे कि:
1) HIV के मरीज़
2) डायबिटीज
3) कैंसर
4) लंबे समय से स्टेरॉयड का इस्तेमाल करने वाले लोग
5) ड्रग्स इस्तेमाल करने वाले लोग
6) जिनके शरीर को पर्याप्त पोषण ना मिलता हो
7) वाइट ब्लड सेल का कम होना
8) समय से पहले जन्म लेने वाले लोग (Premature birth)
9) जिन्होंने अंग प्रत्यारोपण (Organ transplant) करवाया हो.


ब्लैक फंगस और ब्लैक फंगस का रिश्ता| कोरोना के मरीजों को क्यों है ब्लैक फंगस का ज़्यादा खतरा | Black Fungus and Coronavirus relation in Hindi | Why/How Coronavirus patients have more risk from Black Fungus ?

हालांकि हमारी इम्यूनिटी बीमारियों और संक्रमणों से लड़ने के लिए हमेशा तैयार रहती है और यह ब्लैक फंगस यानी म्यूकॉरमायकोसिस से आसानी से लड़ सकता है. लेकिन, कोविड-19 (कोरोनावायरस) हमारे इम्यून सिस्टम को बेहद कमजोर कर देता है, इसके अलावा कोविड-19 के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाइयां और स्टेरॉयड भी हमारे इम्यून सिस्टम को बहुत प्रभावित करते हैं। इसी कारण कोरोना के मरीजों का इम्यून सिस्टम बहुत ज़्यादा क्षतिग्रस्त हो जाता है. फलस्वरूप, कोविड-19 के मरीजों का इम्यून सिस्टम ब्लैक फंगस के कारक सूक्ष्मजीवों (म्यूकॉर्मिसेट्स) के खिलाफ लड़ने में एक पूर्णतः स्वस्थ इंसान की तरह सक्षम नहीं रहता. इसी वजह से कोरोना के मरीजों को ब्लैक फंगस से ज़्यादा खतरा है.


ब्लैक फंगस से बचाव कैसे किया जा सकता है? | How to avoid Black Fungus in Hindi | Black Fungus Prevention

ज़्यादातर बीमारियों की तरह ब्लैक फंगस से बचा जा सकता है, आइए जानते हैं कि हमे क्या सावधानियां लेनी चाहिए:

1. इम्यूनिटी बढ़ाने वाले चीजें खाएं.
2. इम्यूनिटी बढ़ाने वाली दिनचर्या अपनाएं.
3. प्रतिदिन व्यायाम या योगा करें.
4. धूल-मिट्टी,काई या खाद वाली जगहों के नजदीक जाते वक्त मस्क, ग्लव्स, पूरी बांह के कमीज़ और पैंट का इस्तेमाल करें.
5. गंदे व संक्रमित पानी से बचें.
6. किसी भी जख्म को को खुला ना छोड़े.
7. यदि आपकी त्वचा कटी हो जली हो या आपको कोई और स्किन ट्रॉमा है, तो उसका इलाज तुरंत कराएं और उसे ढक कर रखें.
8. साफ-सफाई रखें.
9.यदि आप इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग ड्रग या स्टेरॉइड का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जाएं, क्योंकि इससे इम्यूनिटी को असर पड़ता है. इसका इस्तेमाल कम से कम करें.
10. यदि आपको डायबिटीज है, तो इसे काबू में रखें और एहतियात बरतें.

स्वस्थ रहें, खुश रहें .

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